दोस्तों आज इस पोस्ट हम आपकी प्रोटीन पाउडर से सम्बंधित सारी समस्या दूर करेंगे इसमें सबसे महत्वपूर्ण होगी व्हे प्रोटीन पाउडर के फायदे एवं नुक्सान क्या है, Protein Powder ke fayde साथ ही एक0 ऐसी महत्वपूर्ण समस्याओं के जवाब बताएँगे जिसे आपका जानना बेहद जरुरी है तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते है।
ज्यादा तर ग्राहक बिना ingredients list जांच किए हुए सस्ता प्रोटीन समझ कर खुशी खुशी चीज़े खरीद लेते है लेकी उन्हें इस बात का अंदाजा भी नहीं होता की इसके सेवन से क्या क्या समस्या आ सकती है इसलिए इस पोस्ट को अंत तक पढ़े जिससे की आपको प्रोटीन पाउडर से सम्बंधित अच्छी खासी जानकारी हो जाये।
प्रोटीन पाउडर कैसे बनता है?
प्रोटीन एक macro nutrient होता है कुछ प्रोटीन पाउडर plan source से भी बनाया जाता हैं, लेकिन मार्केट मे मिलने वाले ज्यादा तर प्रोटीन पाउडर दूध से बने होते है, और इसे बनाने के लिए दूध फाड़ कर दो हिस्से मे किया जाता है।
जिसमे मलाई वाले हिस्से से पनीर या फिर प्रोटीन बनाया जाता है। और जो नीचे पानी वाली चीज बचती है, उससे ही pay प्रोटीन बनाया जाता हैं, लेकिन यहाँ एक सवाल ये भी उठता है की दूध के बचे हुए पानी से ही प्रोटीन बनाया जाता हैं, तो क्यों ना प्रोटीन की कमी पूरा करने के लिए उस पानी का ही इस्तेमाल किया जाए।
लेकिन यहाँ समझने वाली बात ये है कि ये जो दूध से बना हुआ पानी होता है, इसमे प्रोटीन की बहुत ही कम मात्रा होती हैं। और 90% से ज्यादा पानी मौजूद होती हैं। अगर सीधी भाषा मे कहा जाए तो एक चम्मच जो प्रोटीन पाउडर होता है उसकी कमी को पूरा करने के लिए लगभग दो litre से भी ज्यादा liquid पीना पड़ेगा।
जो किसी भी साधारण व्यक्ति के लिए possible नही है। जो कोई कंपनी दूध से बची हुई पानी से प्रोटीन बनाती है तो पहले इस पानी को macro filtration किया जाता हैं। और उसके बाद final process मे एक ऐसी machine मे डाला जाता है, जिसमे पानी vaporized होकर प्रोटीन fat और carbohydrate पाउडर form में अलग निकल जाता हैं।
और इस process मे एक kg प्रोटीन पाउडर बनाने के लिए लगभग 100 kg से भी ज्यादा व्हे liquid की जरूरत पड़ती है।
प्रोटीन पाउडर के प्रकार एवं इस्तेमाल
factory से तीन तरह का व्हे प्रोटीन पाउडर बन कर निकलता है।
- Whey Protein concentrate– जो की सबसे सस्ता होता है। क्योंकि इसमे प्रोटीन के साथ साथ fat और carbohydrate ज्यादा मात्रा मे होता है।
- Whey Protein isolate – जिसमे concentrate के मुकाबले carbohydrate और fat कम और प्रोटीन ज्यादा मात्रा मे मौजूद रहता है। और इसलिए इसकी कीमत भी concentrate प्रोटीन से थोड़ा ज्यादा होती हैं।
- Whey Protein hydrolyzed – ये प्रोटीन पाउडर मे सबसे ज्यादा pure प्रोटीन होता है। क्योंकि इसमे fat और carbohydrate पूरी तरह से निकाल दिया जाता है। और जो बचता है वो pure और high गुणवत्ता प्रोटीन होता है। अब यहाँ ये सवाल उठता है की आपको इनमे से कौन सा प्रोटीन पाउडर इस्तेमाल करना चाहिए।
अगर Overall गुणवत्ता और बजट के मुताबिक देखे तो Isolate Whey Protein सबसे ज्यादा बेहतर होता है, लेकिन आपको सिर्फ वजन बढ़ाना है तो व्हे प्रोटीन concentrate भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
जबकि जो लोग weight loss और fat maintain रखना चाहते हैं तो ऐसे लोगो को व्हे protein isolate ही इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि isolate व्हे प्रोटीन मे carb और fat की मात्रा कम होती हैं।
जबकि प्रोटीन ज्यादा मात्रा में रहता है। और अगर बात की जाए व्हे प्रोटीन hydrolyzed की तो ये high गुणवत्ता प्रोटीन होने की वजह से शरीर मे सबसे ज्यादा तेजी से absorb होता है।
इसलिए इसे सिर्फ ऐसे लोगो को ही इस्तेमाल करना चाहिए। जो की advance level पर training करते हैं। और किसी कम्पटीशन मे हिस्सा लेते है, लेकिन साधारण gym करने वाले लोगो को hydrolyzed प्रोटीन की बिल्कूल जरूरत नहीं पड़ती।
प्रोटीन पाउडर में केमिकल का मिलावट
यहाँ हमारे और आपके समझने वाले बात ये है कि व्हे प्रोटीन दुनिया मे सबसे ज्यादा बिकने वाला सप्लीमेंट माना जाता हैं।
- इसलिए इसमे मिलावट होने की संभावना ज्यादा होती हैं। और खास करके इस situation मे मिलावट की संभावना ज्यादा बढ़ जाते है, जब हम जरूरत से बहुत ज्यादा सस्ते प्रोटीन की तरफ जाते है।
- हालाँकि सस्ता प्रोटीन खरीदना कोई बुरी बात नही है, लेकिन गुणवत्ता मे बिना ध्यान दिए जरूरत से बहुत ज्यादा सस्ता प्रोटीन के तरफ जाना सही ऑप्शन नही है।
क्योंकि ये बात बताना जरूरी नही है की कोई भी कंपनी बिज़नेस करने और पैसा कमाने के लिए ही मार्केट मे प्रोडक्ट लांच करती हैं। और इसलिए जब हम गुणवत्ता नही बल्कि दाम की तरफ आकर्षित होते है, - तो कंपनी के लिए मिलावट करना और ज्यादा आसान हो जाता है। और तब कंपनी प्रोडक्ट को सस्ता बनाने के लिए प्रोटीन मे आधी ऐसी चीज़े मिला देती हैं जिसकी हमारे शरीर को जरूरत ही नही है।
- तब हम प्रोटीन को ख़रीद कर ऐसा सोचते है कि हमे कम पैसे मे ज्यादा प्रोटीन मिल गया। मगर हकीकत कुछ और ही होती है। इसलिए सस्ता या महंगा कोई भी प्रोटीन पाउडर खरीदे तो डब्बे पर nutritional जानकारी और ingredients list को जांच करना बिल्कुल भी ना भूले और अगर उसमे gluten artificial colour sugar high carb high fat किसी भी तरह के oil या maltodextrin जैसी चीजों का इस्तेमाल किया गया हो, तो ऐसे प्रोटीन पाउडर को बिल्कुल भी ना खरीदे।
- खास कर कुछ कंपनी प्रोटीन पाउडर को ज्यादा सस्ता बनाने के लिए और ज्यादा ग्राहक को अपने तरफ आकर्षित करने के लिए maltodextin जैसी चीजों का इस्तेमाल करते हैं।
- Basically maltodextin एक सफेद पाउडर की तरह होता है। क्योंकि प्रोटीन सप्लीमेंट मे filler, thicker या preservative की तरह काम करता है। और ये चीनी से कई ज्यादा खतरनाक होता है। जो की शरीर मे चर्बि पैदा करने के साथ साथ परट से जुड़ी कई तरह के समस्या भी पैदा कर सकता है।
- साफ लफ़्ज़ों मे कहा जाए तो प्रोटीन पाउडर मे Maltodextin का इस्तेमाल कंपनी ज्यादा मुनाफा कमाने और quantity को बढ़ाने के लिए करती है।
क्योंकी जब कम पैसों मे कोई भी चीज़ ज्यादा मिलती है, तो लोग उसके तरफ ज्यादा आकर्षित होते है। और इसी बात का कोई भी कंपनी फायदा उठाती है।
Calculation करके देखा जाए तो एक kg प्रोटीन की कीमत लगभग एक000 से एक500 रुपये होती है, जबकि एक kg Maltodextin सिर्फ 30 से 40 मे आता है। इसे कुछ मात्रा मे प्रोटीन पाउडर मे मिलाने से देखकर बिल्कुल भी पता नही लगता की इसमे मिलावट की गयी है।
जो की उनके शरीर को आगे जाके नुकसान पहुँचाने वाली होती हैं। इसलिए किसी भी प्रोटीन पाउडर को खरीदने से पहले उसका ingredients list जांच करना बिल्कुल भी ना भूले। साथ ही साथ ये भी ख्याल रखना जरूरी है की प्रोटीन पाउडर डुप्लीकेट ना हो। इससे प्रोटीन पाउडर ke fayde ख़त्म हो जाती है।
क्योंकि डुप्लीकेट प्रोटीन पाउडर के अंदर कुछ भी हो सकता है। हालांकि आगे इसी पोस्ट मे हम जानेंगे की वास्तविक सप्लीमेंट को कैसे पहचाना जा सकता है। और कौन सी कंपनी का प्रोटीन सप्लीमेंट अच्छा होता है।
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प्रोटीन पाउडर के सेवन से साइड इफ़ेक्ट
प्रोटीन का फायदा या नुकसान करना प्रोटीन की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। जैसा की हमने पहले ही जाना की प्रोटीन पाउडर दूध से बनाया जाता हैं।
इसलिए प्रोटीन पाउडर की गुणवत्ता जानवर को खिलाए जाने वाला चारा। जानवर का सेहत जानवर से निकाले जाने वाले दूध की गुणवत्ता पर निर्भर करता है।
और अगर इनमे से किसी भी चीज के साथ मिलावट की जाए तो प्रोटीन की गुणवत्ता खुद वा खुद खराब हो जाएगी। और जो की शरीर को नुकसान भी पहुँचा सकता है, लेकिन अगर प्रोटीन मे कोई मिलावट करना हो और इसका एक सेहत मंद वाक्ति सही मात्रा मे इस्तेमाल करता है, तो ये शरीर को नुकसान नही बल्कि शरीर को बहुत सारा फायदा पहुचाता है।
हालांकि शुरूआत् मे प्रोटीन पाउडर के इस्तेमाल से कुछ लोगों मे आपचन् जैसी समस्या देखने को मिलती है। इसलिए ऐसे मे जरूरी है की प्रोटीन पाउडर पीने वाले लोगो को अपने खाने मे कुछ सब्जी और सलाद को भी जरूर सामिल करना चाहिए। ताकि सही पाचन के लिए fiber की कमी को पूरा किया जा सके।
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प्रोटीन पाउडर इस्तेमाल किसे करना चाहिए?
प्रोटीन हमारी शरीर मे जाने के बाद यकृत मे अमीनो अम्ल मे टूटता है। और इस process मे जितना प्रोटीन होगा उसी हिसाब से nitrogen waste भी निकलता है। जो की filter करने के लिए वृक्क (वृक्क (kidney) यानी हमारे गुर्दे मे भेज दिया जाता हैं।
लेकिन यहाँ हमारे समझने वाली बात ये है , की दूसरे organ के मुकाबले वृक्क (वृक्क (kidney)) हमारे शरीर मे दो होती है, और इसलिए एक सही मात्रा मे लिए गए प्रोटीन से निकलने वाले nitrogen waste को एक सेहतमंद वृक्क (kidney) आसानी से filter कर लेती है।
लेकिन इसके लिए ये भी जरूरी है की दिन भर मे दो.5 से 3 लीटर पानी पीने का खास खयाल रखा जाए, लेकिन साथ ही साथ यहाँ ध्यान देनी वाली बात ये है की जिनकी वृक्क (kidney) पहले से ही damage है। प्रोटीन पाउडर के फायदे जानते है।
उन्हे तब तक प्रोटीन पाउडर का इस्तेमाल नही करना चाहिए। जब तक की वृक्क पूरी तरह से ठीक ना हो जाए, क्योंकि वृक्क से जुड़ी समस्या मे अपने वृक्क को rest देना बहुत जरूरी होता है। और क्योंकि प्रोटीन पाउडर की इस्तेमाल से वृक्क का काम थोड़ा बढ़ जाता हैं।
इसलिए इस समस्या को और भी ज्यादा बढ़ा सकता है। यहाँ लोग एक सवाल ये भी पूछते है की प्रोटीन पाउडर से चेहरे पर acne, pimple की समस्या होती है। अगर चेहरे पर पहले से pimple की समस्या नही है तो प्रोटीन पाउडर सही मात्रा मे इस्तेमाल करने से ये skin की गुणवत्ता पर बुरा असर नही डालता, लेकिन अगर चेहरे पर पहले से ही pimple की समस्या है तो प्रोटीन पाउडर उसे बढ़ा जरूर सकता है।
क्योंकि प्रोटीन पाउडर की इस्तेमाल से शरीर मे IGF एक name का insulin spike होता है। जो की Skin मे oil की Production Maker बड़ी पैदा करता है। और जिसे pimple की समस्या और भी तेजी से बढ़ने लगती है। और इतना ही नही। अगर कोई वाक्ति pimples की समस्या होते हुए mass gainer का इस्तेमाल करता है, तो ये pimples की समस्या को और भी बत से बतर बना देता है।
इसलिए जिन लोगो के चेहरे पर पहले से pimple की समस्या होती हैं। उन्हे खाने की जरिए प्रोटीन को पूरा करने की कोशिश करना चाहिए। और अगर फिर भी प्रोटीन पाउडर का इस्तेमाल करना चाहते है, तो isolate प्रोटीन पाउडर को कम मात्रा मे इस्तेमाल करना चाहिए।
यहाँ एक बात का और ख्याल रखना जरूरी है कि प्रोटीन सप्लीमेंट बच्चो के लिए बिल्कुल भी recommended नही होता है। क्योंकि बच्चो का वजन कम होने की वजह से उनकी शरीर मे खाने के जरिए ही प्रोटीन की कमी पूरी हो जाती है। इसलिए बच्चो को सप्लीमेंट के जरिए प्रोटीन देने से उनकी वृक्क (kidney) पर बुरा असर पड़ सकता है। इससे protein powder ke fayde नही मिलेगी।
एक दिन मे कितना चम्मच प्रोटीन पाउडर लेना चाहिए?
अगर किसी वाक्ति का वजन 50 kg है तो उसको 40 से 50 gm प्रोटीन लेना चाहिए। और अगर कोई वाक्ति gym या एक्सरसाइज करता है, तो प्रोटीन की मात्रा एक.5 से दो gm / kg weight बढ़ाई जा सकती है।
लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल नही है की पूरे दिन की प्रोटीन intake सिर्फ व्हे प्रोटीन से ही पूरा किया जाए। क्योंकि व्हे प्रोटीन पाउडर एक सप्लीमेंट होता है। और सप्लीमेंट का मतलब ही होता है।
सिर्फ support करना। इसलिए प्रोटीन पाउडर को प्रोटीन का primary source की तरह बिल्कुल भी use नहीं करना चाहिए। जिसका मतलब है की पहले जंहा तक हो सके खाने की चीजों के जरिए प्रोटीन की कमी पूरा करने की कोशिश करना चाहिए। और जितना प्रोटीन बाकी रहे उसे प्रोटीन सप्लीमेंट के जरिए पूरा करना चाहिए।
और क्योंकि average weight की समनाये वाक्ति दिन भर मे 40 से 50 gm प्रोटीन की जरूरत पड़ती है। इसलिए उनके लिए दिन भर मे एक चम्मच प्रोटीन लेना काफी हो जाता हैं।
क्योंकि एक चम्मच प्रोटीन पाउडर consume करने से लगभग दो4 से दो8 gm प्रोटीन शरीर को मिल जाते है। और कुछ प्रोटीन तो दाल, चावल , दूध, अंडा , मछली और चिकन जैसी खाने के जरिये भी पूरे हो जाते हैं।
लेकिन अगर कोई वाक्ति GYM या एक्सरसाइज करता है, तो एक से दो चम्मच प्रोटीन दिन भर मे लिया जा सकता है।
लेकिन यहाँ भी वही बातें ख्याल रखना चाहिए। की जंहा तक हो सके पहले खाने के चीजों के जरिए प्रोटीन की कमी को पूरा करना चाहिए। और जो बाकी रह जाए उसे प्रोटीन सप्लीमेंट के जरिए पूरा करनी चाहिए, और हमेशा ही एक बात का ख्याल रखना चाहिए की पूरी तरह से प्रोटीन सप्लीमेंट पर बिकुल भी निर्भर नही होना चाहिए। क्योंकि अगर खान पान ठीक ना हो तो सिर्फ अकेले प्रोटीन सप्लीमेंट कुछ भी नही कर सकता।
प्रोटीन पाउडर लेने का सही समय
वैसे तो प्रोटीन पाउडर का इस्तेमाल कभी भी किया जा सकता है लेकिन एक्सरसाइज के एक घंटे पहले या बाद मे लेना ज्यादा बेहतर ऑप्शन हो सकता हैं। क्योंकि प्रोटीन एक्सरसाइज मे break down हुए muscle को repair करने मे बहुत मदद करता है।
वैसे कुछ लोग सिर्फ एक्सरसाइज के बाद ही प्रोटीन लेना ज्यादा पसंद करते हैं, लेकिन यहाँ ध्यान देने वाली बात ये है कि प्रोटीन एक्सरसाइज से पहले या एक्सरसाइज के बाद ले इसका शरीर पर उतना ही असर होता है। इसलिए आपको इन दोनों समय मे जब भी comfortable महसूस हो ले सकते हैं।
और अगर आप दिन भर मे दो चम्मच प्रोटीन इस्तेमाल करते हैं तो एक चम्मच एक्सरसाइज से पहले या बाद मे इस्तेमाल करे और दो चम्मच सुबह या रात को सोने से आधे घंटे पहले इस्तेमाल करे। क्योंकि हमारे शरीर को सुबह और रात मे भी प्रोटीन की जरूरत पड़ती है।
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प्रोटीन पाउडर को किस चीज़ के साथ ले दूध या पानी ?
व्हे प्रोटीन fast digestible होता है। इसलिए अगर आप इसका इस्तेमाल एक्सरसाइज से पहले या बाद मे करते हैं तो आपको इसे पानी के साथ ही लेना चाहिए। ताकि ये आसानी से शरीर मे absorb हो जाए।
क्योंकि व्हे प्रोटीन को दूध के साथ मिलाकर पीने से दूध मे मौजूद fat इसे ज्यादा Heavy बना देता है। जिससे ये पचने मे ज्यादा समय लेता है, लेकिन आप इसे सुबह या रात को सोने से पहले लेते है तो आप इसका इस्तेमाल दूध के साथ कर सकते हैं, क्योंकि ये सुबह या रात मे हमारे शरीर को धीरे धीरे ही प्रोटीन की जरूरत पड़ती है।
प्रोटीन पाउडर के ज्यादा इस्तेमाल से नुकसान
तो इसका जवाब है बिल्कुल हो सकता हैं। हालांकि प्रोटीन water soluble होता है, इसलिए ये carbohydrate और fat की तरह हमारे शरीर मे store नही होता।
इसलिए प्रोटीन थोड़ा कम या ज्यादा होने से कोई समस्या नही है, लेकिन जब कोई वाक्ति जरूरत से ज्यादा मात्रा में प्रोटीन का इस्तेमाल करता है तो इसका उस वाक्ति के वृक्क (kidney) पर बुरा असर पड़ सकता हैं। क्योंकि शरीर मे जितना प्रोटीन जाता है। वो amino acid मे टूटने के बाद nitrogen waste भी उससे उतना ही ज्यादा स्रावित होता है।
और जिसे filter करने के लिए वृक्क का काम बढ़ जाता है, और मतलब वृक्क (kidney) को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। और लगातार ऐसा करने से वृक्क (kidney) damage होने की संभावना बढ़ जाती है। और इतना ही नहीं जरूरत से ज्यादा प्रोटीन पाउडर का ज्यादा इस्तेमाल करने से से शरीर में IGF एक insulin की मात्रा भी बढ़ा देती है और इसलिए चेहरे पर Acne pimple की संभावना बढ़ जाती है।
सबसे बढ़िया प्रोटीन पाउडर
वास्तविक प्रोटीन को किस तरह पहचाने। इतनी सारी कंपनी सप्लीमेंट बनाती है जिसमे से सबसे अच्छा प्रोटीन choose करना ये मेरे लिए आसान बिल्कुल भी नही था, लेकिन फिर भी मैंने कुछ ऐसे कंपनी के बारे मे बताने की कोशिश की।
जिसके वाबजूद कंपनी के लिखे ingredients जरूर पढ़े उसका lab test result भी जरूर जांच कर ले। अगर मे बात करू तो मैंने अभी तक दो ही कंपनी का प्रोटीन use की है जिसमे पहला है- Optimum nutrition का व्हे प्रोटीन. अगर आपका budget अच्छा है तो आप इस व्हे प्रोटीन का इस्तेमाल कर सकते हैं, क्योंकि इस दाम range मे ये Indian मार्केट मे मौजूद One of the best व्हे प्रोटीन सप्लीमेंट है।
हालांकि इसी दाम range मे my protein का impact भी व्हे प्रोटीन और Dimatize ISO 100 भी अच्छी प्रोटीन की श्रेणि मे आता है। ये सभी आपको अलग अलग flavor मे भी मिल जाते हैं, जो की ऐसे लोगो के लिए बेहतर होता है जो taste मे compromise बिल्कुल नही करना चाहते।
लेकिन यहाँ एक बात का ख्याल रखना जरूरी है की किसी भी प्रोटीन मे flavor मे मिलाने के बाद उतना शुद्ध नही रह जाता। इसलिए हो सके तो बिना फ्लेवर वाला ही उपयोगकरे। और दूसरा जो मैंने इस्तेमाल किया वो है Asitis का व्हे प्रोटीन अगर आपका budget कम है तो आपके लिए ये व्हे प्रोटीन best है।
क्योंकि ये कम दाम मे मिलने वाला One of the best व्हे प्रोटीन है, लेकिन क्योंकि ये raw सप्लीमेंट प्रोटीन होता है इसलिए इसे पचाने मे किसी वाक्ति को दिक्कत हो सकती है। साथ ही साथ इसमे taste करने के लिए किसी भी flavor का इस्तेमाल नही किया गया है। अब बात आती है की इसमे से वास्तविक प्रोटीन को कैसे पहचाना जाए।
अगर आप Asitis company का व्हे प्रोटीन खरीदते है तो इसमे डुप्लीकेट होने के ज्यादा संभावना नही होते। क्योंकि ये प्रोटीन पहले से ही कम दाम मे आता है। इसलिए इसे कोई भी डुप्लीकेट नही कहता।
फिर भी Asitis Protein की वास्तविकता जांच करना बहुत आसान है और इसके लिए packet पर दिये गए QR code को lets verify name के एक ऐप मे scan करने से 5 अंको का code आएगा जो की packet पर ही QR code के पास मे ही scratch करने पर मिल जाता है। उस code को app मे Enter करके Commit करने से ये पता चल जाएगा की प्रोटीन असली है या नकली।
लेकिन अगर आप ON यानी Optimum Nutrition का प्रोटीन खरीदते है तो इसमे वास्तविक का पता लगाना थोड़ा complicated है। और क्योंकि ON तीस साल पुरानी और फेमस कंपनी है इसलिए ज्यादा तर इसी कंपनी के प्रोडक्ट मार्केट मे देखने को मिलते है।
आप ON के व्हे प्रोटीन को भी असानी से पहचान सकते हैं। उसके लिए ध्यान देना जरूरी है की ON Asitis की ही तरह India से बाहरी कंपनी है और इसलिए दो ही ऐसे कंपनी है जो की ON कंपनी की प्रोडक्ट को India मे लाती है।
जिसमे एक है glanbia और bright कंपनी इसलिए ON कंपनी की व्हे प्रोटीन की डब्बे पर glanbia या bright कंपनी के किसी एक का बड़ा sticker जरूर लगा होता है। जो की डुप्लीकेट प्रोडक्ट मे देखने को नही मिलता। और दूसरी बात ये है की डब्बे मे कहीं ना कहीं scratch code होता है।
जिसके जरिए sticker पर दिए गए direction को फॉलो करते हुए। ये पता लगाया जा सकता हैं की प्रोडक्ट असली है या नकली और ON के डब्बे पर ढकन पर seal के साथ एक वास्तविक hollow gram भी लगा होता है, जो की डब्बे को tilt करने पर blow करते हैं।
नोट :- यहाँ आप एक बात का ख्याल रखिये की इस पोस्ट मे कोई भी प्रोडक्ट sponsored नही है। और जो भी मैंने बताया है वो मेरा opinion है। किसी भी brand का नाम मैंने आपलोगो के आसानी के लिए बताया है। प्रोटीन पाउडर के फायदे पोस्ट को कृपया sponsored न समझे।
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अंतिम शब्द
मुझे उम्मीद है की आपको idea लग गया होगा Protein Powder ke fayde के बारे में और साथ ही इससे सम्बंधित। व्हे प्रोटीन आपके लिए सही है या गलत। और आपको इसका किस तरह से इस्तेमाल करना है, तो बस आज के लिए इतना ही। और आशा करते है, आपको प्रोटीन से जुड़ी सारी जानकारी मिल गयी होगी।
अगर इससे जुडी कोई समस्या या फिर कोई प्रश्न हो तो आप निचे कमेंट कर सकते है और पोस्ट पसंद आया हो तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर भी कर दे।